उज्जैन में 15 करोड़ की लागत से बनेगी साइंस सिटी, जानिए क्या होगा खास

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उज्जैन. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का उज्जैन (Ujjain) अब भगवान महाकाल की नगरी के साथ-साथ साइंस सिटी के रूप में भी पहचाना जाएगा. यहां तारामंडल और विज्ञान केंद्र का निर्माण किया जाएगा. अगले 2 सालों में  15 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से थ्रीडी स्टूडियो, इनोवेशन हब, लैब बनकर तैयार होंगे. इसे शहर की बसंत विहार स्थित 21 .75 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. तारा मंडल की जमीन पर जल्द ही उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र आकार लेगा. ये सभी काम 3 फेज में होंगे.

 

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत की अध्यक्षता में गुरुवार को बसंत विहार स्थित तारामंडल पर भूमि पूजन किया गया. भव्य समारोह में राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा सहित विद्या भारती के जयंत सहस्त्र बुद्धि ने विधिवत भूमि पूजन किया. पूजन के बाद राज्यपाल गेहलोत ने कहा कि अब उज्जैन को साइंस सिटी के रूप में नई पहचान मिलेगी. कई लोग यहां आकर विज्ञान समझेंगे.

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि उज्जैन अब धार्मिक शहर के साथ-साथ साइंस सिटी के नाम से भी जाना जाएगा. 15 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले विज्ञान केंद्र में कई बड़े छोटे उपकरण लगेंगे. ये सभी हाईटेक होंगे. ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस रूम, छात्रों के लिए पिकनिक एरिया, लायब्रेरी, एक इनोवेशन हब, लैब, चिल्ड्रन एक्टिविटी हॉल, गैलरी, फन साइंस, कई प्रकार गेजेट्स होंगे. यहां उपकरणों पर विद्यार्थी शोध  भी कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह सब अगले 2 सालों में तैयार होगा.

ये टेक्नीक भी सीखेंगे स्टूडेंट्स

 

शहर में स्टूडेंट्स को लैब में मिट्टी, जल और खाद्य पदार्थों के नमूनों का परीक्षण भी सिखाया जाएगा. विज्ञान केंद्र में राज्य शासन 8 .65 करोड़ और शेष राशि 6 .55 करोड़ राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् कोलकाता और  संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार वहन करेगी. विज्ञानं केंद्र में  14 करोड़ रुपए की लागत से हाईटेक थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा.

केंद्र सरकार की पहल पर देश में पहली बार उज्जैन में बैक्टीरियल इन्फेक्शन और वायरल पर रिसर्च की जा रही है. मरीज में बैक्टीरियल इन्फेक्शन व वायरल का पता लगाकर उचित एंटीबायोटिक व दवाइयों का चयन कर बीमारियों का सही इलाज करने में मदद मिलेगी. साथ ही किए जाने वाले टेस्ट पर भी लगाम लगेगी. एक साल तक चलने वाले इस शोध में 1600 वयस्क और 1500 बच्चों पर होगा टेस्ट. रिसर्च की रिपोर्ट केंद्र सरकार और आईसीएमआर को सौंपने के बाद ट्रीटमेंट का प्लान देशभर के अस्पतालों में लागू होगा. बैक्टीरियल इन्फेक्शन और वायरल पर चल रही रिसर्च में दुनिया के 11 देश भाग ले रहे है.

 

वायरल इन्फेक्शन की महंगी जांच मुफ्त में

 

भारत में आईसीएमआर दिल्ली और फाइंड द्वारा करवाई जा रही रिसर्च में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन , पीजीआई चंडीगढ़, आईसीएमआर कोलकाता और छत्तीसगढ़ गनियारी अस्पताल में शोध होगा. उज्जैन में बुखार से पीड़ित 6 महीने के बच्चे से लेकर 60 साल के बुजुर्गों को होने वाले बुखार और वायरल इन्फेक्शन की महंगी जांच मुफ्त में होगी. इसमें मरीजों में पाए जाने वाले वायरल संक्रमण और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का पता लगाया जा रहा है. इसके आधार पर एंटीबायोटिक व दवाइयों का चुनाव कर बीमारियों इलाज किया जाएगा.

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