Qutub Minar परिसर में 27 मंदिरों के होने का दावा, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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Updated : 23 Feb 2022

नई दिल्ली: कुतुब मीनार परिसर में 27 मंदिरों के होने के दावे पर दिल्ली स्थित साकेत जिला अदालत ने मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. नोटिस केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और दिल्ली सर्कल को भेजा गया है. साकेत कोर्ट में ये याचिका भगवान विष्णु और जैन देवी देवताओं की ओर से दायर की गई है. याचिका पर अगली सुनवाई 11 मई को होगी.

वकील ने किया ये दावा

इस पूरे मामले पर जैन देवी-देवताओं और भगवान विष्णु के वकील विष्णु शंकर जैन ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को तोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि इस बात को साबित करने की भी जरूरत नहीं है. वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि पिछले 800 सालों से हम पीड़ित हैं और अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं. उन्होंने एएसआई एक्ट 1958 का जिक्र करते हुए कहा कि इसके मुताबिक संरक्षित स्मारकों में भी उपासना और पूजा का अधिकार दिया जा सकता है.

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि साकेत कोर्ट में दायर अपील में सिविल जज के इस मामले में दिए आदेश को खारिज करने की मांग की गई है. सिविल जज ने कुतुब मीनार में 27 मंदिरों की बहाली की मांग ठुकरा दी थी.

ये है आरोप

वर्तमान में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को मंदिर के स्थान पर बनाया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि इस परिसर में 27 मंदिर थे.

ऐतिहासिक महत्व की इमारत है कुतुब मीनार

बता दें कि कुतुबमीनार दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है, लेकिन ईंट की बनी सबसे ऊंची मीनार है. यह दिल्ली के महरौली इलाके के छतरपुर में स्थित है. इसका निर्माण दिल्ली के शासक कुतुबुद्धिन ऐबक ने किया था. इसका निर्माण लाल पत्थर और मार्बल से किया गया है, जिससे इसकी खूबसूरती में और भी ज्यादा चार चांद लगता है.

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