सर्वे: दफ्तरों में हर तीसरी महिला का होता है यौन उत्पीड़न, 5 में से 1 ही करती है शिकायत

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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर 2018

देश दुनिया में #MeToo को लेकर बवाल मचा है. इस बीच एक ऑनलाइन सर्वे से पता चला है कि 78 फीसदी पीड़ित महिलाएं कार्यस्थल पर अपने खिलाफ ज्यादती को छुपा लेती हैं. ऐसी पीड़ित महिलाओं का कहना है कि मर्जी के बगैर छूने की घटना उनके खिलाफ सबसे ज्यादा घटती हैं. शारीरिक संपर्क साधने की भी अधिकतर शिकायतें मिलीं.

तनुश्री दत्ता-नाना पाटेकर विवाद सामने आने और #MeToo कैंपेन के शुरुआती चरण के बाद यह सर्वे कराया गया. केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. उनके खिलाफ 12 महिलाएं सामने आई हैं जिनमें पत्रकार और अन्य महिलाएं शामिल हैं.

सर्वे करने वाली कंपनी लोकल सर्कल के अक्षय गुप्ता ने इंडिया टुडे से कहा, ‘सर्वे करने से पहले इसमें शामिल प्रतिभागियों से यौन उत्पीड़न के बारे में सबकुछ स्पष्ट कर दिया गया.’ सर्वे में 28,000 कॉमेंट्स मिले. कुल प्रतिभागियों में 50 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने शारीरिक संपर्क साधने और मर्जी के बिना छूने की की शिकायत की. 31 फीसदी महिलाओं ने अपने खिलाफ भद्दे कॉमेंट्स और जबरन पोर्न दिखाने की शिकायत की. 19 फीसदी महिलाओं ने माना कि उनसे शारीरिक संबंध बनाने की मांग की गई.

अक्सर ऐसा सुना जाता है कि दफ्तर में देर तक रुकने वाली महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटना ज्यादा होती है लेकिन सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई कि आधे से ज्यादा पीड़ितों के खिलाफ ऑफिस ऑवर के दौरान घटनाएं हुईं. 20 फीसदी से भी कम महिलाओं ने कहा कि ड्यूटी के बाद या ऑफिस के किसी प्रोग्राम में उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.

 इस सर्वे की बड़ी बात यह है कि कामकाजी पीड़ितों में मात्र 22 फीसदी महिलाएं ही यौन उत्पीड़न की शिकायत अपने प्रबंधन को दे पाईं. 78 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्होंने अपने खिलाफ दुराचार को प्रबंधन से छुपा लिया या उनकी जानकारी में बात नहीं पहुंचाई गई.

कुल मिलाकर 32 फीसदी प्रतिभागियों ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की बात मानी. 23 फीसदी महिलाओं ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया. हालांकि 45 फीसदी महिलाएं ऐसी भी रहीं जिन्होंने किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न से इनकार किया.

 

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