मशहूर गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने भी ठुकराया पद्म सम्मान, बताया – ’90 की उम्र में अपमान’

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Updated: 26 जनवरी, 2022,

नई दिल्ली: मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी उर्फ संध्या मुखोपाध्याय (Sandhya Mukhopadhyay) ने मंगलवार को पद्म श्री सम्मान की पेशकश को स्वीकार करने से मना कर दिया. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने सम्मान के लिए उनकी सहमति की खातिर उनसे टेलीफोन पर संपर्क किया था. गायिका की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि मुखर्जी ने दिल्ली से फोन करने वाले वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि वह गणतंत्र दिवस सम्मान सूची में पद्म श्री के लिए नामित होने को तैयार नहीं हैं. उनकी सहमति के लिए उनसे संपर्क किया गया था.सेनगुप्ता ने कहा, ’90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से अधिक के गायन करियर के साथ, पद्म श्री के लिए चुना जाना उनके लिए अपमानजनक है.’

गायिका की बेटी ने कहा, ‘पद्म श्री किसी जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है, न कि ‘गीताश्री’ संध्या मुखोपाध्याय के लिए. उनका परिवार और उनके गीतों के सभी प्रेमी भी यही महसूस करते हैं.’

कई लोगों ने गायिका के इस फैसले का समर्थन किया है. वह एस डी बर्मन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, रोशन और सलिल चौधरी सहित कई हिंदी फिल्म संगीत निर्देशकों के लिए भी गाना गा चुकी हैं. उन्हें `बंग बिभूषण`समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

बता दें कि संध्या मुखर्जी पश्चिम बंगाल से दूसरी हस्ती हैं जिन्होंने पद्म सम्मान ठुकरा दिया है. पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने पद्म विभूषण का पुरस्कार ठुकरा दिया है. उनकी ओर से कहा गया है कि किसी ने भी उन्हें यह सम्मान दिए जाने के बारे में कोई सूचना नहीं दी. पीटीआई ने बुद्धदेब के हवाले से कहा है कि अगर सचमुच में उन्होंने मुझे पद्म भूषण देने की घोषणा की है तो मैं इसे अस्वीकार कर सकता हूं. उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कारों की सूची में विपक्षी दल के नेता बुद्धदेब के साथ गुलाम नबी आजाद का भी नाम शामिल है. साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण दिए जाने का ऐलान किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार कर दिया.

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