सीज़न की पहली बारिश ने खोली महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं की पोल
Last Updated: Jun 13, 2022,
उज्जैन: प्री मानसून की दस्तक ने विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं की भी पोल खोल कर रख दी है. क्योंकि बीती शाम हुई तेज बारिश में पानी झरना बन मंदिर के अंदर गणेश मंडप के यहां श्रद्धालुओं की कतार के ऊपर नजर आया. वहीं गर्भ गृह के सामने नंदी हॉल बारिश के पानी से लबालब हो गया.
बता दें कि कल हुई तेज बारिश के दौरान नंदी हॉल व हॉल में बैठे पुजारी को देख ऐसा लग रहा था, जैसे नंदी देव गहरे पानी में हो और पुजारी नौका में सवार हों. वैसे तो मंदिर समिति श्रद्धालुओं की सुरक्षा का चप्पे चप्पे पर ध्यान रखती है, लेकिन प्री मॉनसून कि जानकरी होने व मंदिर में मार्बल, ग्रेनाइट जैसे पत्थरों पर श्रद्धालुओं के बारिश में फिसलन जैसी समस्या को ध्यान नहीं रखना एक बड़ी लापरवाही दर्शाता है.
बारिश के कारण कुछ देर श्रद्धालुओं को रोकना पड़ा
दरअसल बारिश के दौरान गणेश मंडपम के यहां झरना श्रद्धालुओं की कतार वाले मार्ग के ऊपर से बहता रहा और मंदिर समिति के सफाई कर्मी श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने के साथ जगह-जगह हाथ मे वाईपर व झाड़ू लिए आनन-फानन में पानी को निकालते भी नजर आए. पानी को निकालने की मजबूरी इसलिए भी थी, क्योंकि किसी श्रद्धालु का अगर गलती से पैर फिसल जाता तो उसे छुपाना मुश्किल हो जाता. हालांकि इस दौरान कुछ देर के लिए कार्तिक मंडपम से होते हुए गणेश मंडप तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी आई और उन्हें रोका गया व अन्य बैरिकेडिंग से रास्ता दिया गया.
जिम्मेवारों की लापरवाही
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद हर कोई सतर्क है. मंदिर समिति को पता था, कि बारिश में ऐसी स्थिति हमेशा बनती है. इसके बावजूद ध्यान क्यों नहीं दिया गया यह बड़ा सवाल है, क्योंकि इतनी बड़ी लापरवाही से कहीं ना कहीं श्रद्धालु हादसे का शिकार हो सकते हैं. मंदिर में ग्रेनाइट मार्बल जिसे पत्थर लगे हुए हैं और बारिश में उस पर फिसलने का डर बना रहता है. मंदिर में बच्चे युवा बुजुर्ग हर तरह के श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.