रोड एक्सीडेंट में देश में नंबर-1 है मध्य प्रदेश, 5 महीने में 7082 मौतें

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भोपाल.  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सड़कों पर लोगों के लिए 6 घंटे मौत के साबित हो रहे हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा सड़क हादसे (Road Accident) होते हैं. इनमें मौत और घायलों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. पीटीआरआई (PTRI) के डाटा एनालिसिस में देश में रोड एक्सीडेंट के मामलों में मध्य प्रदेश नंबर वन पर है. जबकि एक्सीडेंट में होने वाली मौतों के मामले में नंबर दो पर है. डाटा एनालिसिस के मुताबिक एमपी की सड़कों पर दोपहर 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं. दरअसल, देश में हादसों के कारणों पता लगाने और उसका हल खोजने के मकसद से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस ऐप भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने तैयार किया.

 

इस आई रेड ऐप में प्रदेशों में 15 मार्च 2021 से सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन एंट्री की जा रही है. इस ऐप पर दर्ज हुई 5 महीने को एंट्री में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस समयावधि के दौरान मध्य प्रदेश में हादसों की संख्या 30,804, मृतक की संख्या 7,082, घायलों की संख्या 38,457 है. जबकि तमिलनाडु में हादसों की संख्या 25,614, मृतक की संख्या 5,560, घायलों की संख्या 32,066, राजस्थान में हादसों की संख्या 16,923, मृतक की संख्या 6,116, घायलों की संख्या 14,801 है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में हादसे की संख्या 15,147, मृतक की संख्या 8,799, घायलों की संख्या 14,212, महाराष्ट्र में हादसों की संख्या 14,315,  मृतक की संख्या 7,274, घायलों की संख्या 13,616 है.

ओवर स्पीड बड़ा कारण
इस आई रेड ऐप के डाटा एनालिसिस के दौरान पीटीआरआई को यह भी पता चला कि एमपी की सड़कों पर दोपहर 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक सबसे ज्यादा सड़क हादसे और उनमें लोगों की सबसे ज्यादा जान जाती है. इन हादसों के पीछे ओवर स्पीड और ओवर लोड सबसे बड़ी वजह निकलकर सामने आई है. पीटीआरआई ने इसी के मद्देनजर अब प्रदेश की जिला पुलिस को सड़क हादसों को रोकने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए. साथ ही मध्यप्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए हर जिले में इंटरसेप्टर व्हीकल भी दिए गए हैं.

 

 

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