राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने लॉन्च की गाय के गोबर की चिप, कहा- ‘मोबाइल का रेडिएशन कम करने में सफल’

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Updated: 13 अक्टूबर,

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को गाय के गोबर से बना एक चिप (Cow Dung Chip) लॉन्च किया है और कहा है कि इससे मोबाइल हैंडसेट्स का रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘हमने देखा है कि मोबाइल के साथ रखते हैं तो रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. बीमारी से बचना है तो आगे आने वाले वक्त में यह भी काम आने वाला है.’ इसके साथ ही कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर से बने कई दूसरे प्रॉडक्ट भी लॉन्च किए, जिनका लक्ष्य इस दीवाली पर प्रदूषण कम करने का है.

दरअसल, इस दीवाली पर चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार सुनिश्चित करने और गाय के गोबर से बने दीयों और भगवान गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं सहित कई दूसरी सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ चलाने की घोषणा की है.

वल्लभ भाई कथीरिया ने कॉन्फ्रेंस में गोबर के दिए, शुभ-लाभ और गोबर के चिप भी दिखाए. उन्होंने कहा कि ‘गाय के गोबर से सबकी रक्षा होगी. ये सबकुछ घर में आएगा तो घर रेडिएशन फ्री हो जाएगा.’

उन्होंने कहा कि गोमय गणेश अभियान’ की सफलता से उत्साहित होकर आयोग ने ‘गोमय दीपक’ को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए यह अभियान चलाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा, ‘इस अभियान के तहत आयोग दीपोत्सव के दौरान गोबर और पंचगव्य के बहुआयामी उपयोग को प्रोत्साहित करने जा रहा है. दीप पर्व के लिए गोबर आधारित दीये, मोमबत्तियां, धूप, अगरबत्तियां, शुभ- लाभ , स्वास्तिक, समरानी, हार्डबॉर्ड, हवन सामग्री, भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमाओं का निर्माण प्रारंभ हो चुका है.’

आयोग ने कहा कि यह प्रयास गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और उम्मीद जताई गई कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना और स्वदेशी आंदोलन को प्रोत्साहन देते हुए चीन निर्मित दीयों का बहिष्कार सुनिश्चित करेगा. आयोग ने देशभर में 11 करोड़ परिवारों के माध्यम से गोबर निर्मित 33 करोड़ दीप प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा है.

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)

 

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