अनूप कुमार मेंदीरत्ता: हाईकोर्ट के जज बनने वाले पहले केंद्रीय कानून सचिव, नियुक्ति से फिर रचा इतिहास

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नई दिल्ली. केन्द्रीय विधि सचिव (Union Law Secretary) को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. ऐसा पहली बार है, जब एक केन्द्रीय विधि सचिव को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. कानून मंत्रालय में न्याय विभाग के अनुसार, केन्द्रीय विधि सचिव अनूप कुमार मेंदीरत्ता (Anoop Kumar Mendiratta) को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि न्यायिक अधिकारी के रूप में उनकी वरिष्ठता के आधार पर मेंदिरत्ता को न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. उनके नाम की सिफारिश हाल ही में उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने की थी. मेंदीरत्ता को अक्टूबर 2019 में कानून सचिव बनाया गया था. इससे पहले वह दिल्ली में एक न्यायिक अधिकारी थे. यहां तक कि ऐसा पहली बार था, जब किसी सेवारत जिला एवं सत्र न्यायाधीश को केन्द्रीय विधि सचिव बनाया गया था.

आदेश के अनुसार, उन्हें 30 मार्च 2023 (60 वर्ष का होने तक) तक , अनुबंध के आधार पर विधि सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. मेंदीरत्ता के अलावा, तीन अन्य न्यायिक अधिकारियों नीना बंसल कृष्णा, दिनेश कुमार शर्मा और सुधीर कुमार जैन को भी दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है. न्याय विभाग ने शुक्रवार को नई नियुक्तियों के बारे में ट्वीट करके यह जानकारी दी.

1 फरवरी को हुई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की मीटिंग में इन चारों अधिकारियों की नियुक्ति के अलावा न्यायिक अधिकारियों, पूनम ए बांबा और स्वर्ण कांत शर्मा की भी सिफारिश की गई थी. बार एंड बेंच के अनुसार, 1 फरवरी तक दिल्ली हाईकोर्ट तय 60 की संख्या के मुकाबले 30 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है. कानून एवं न्याय विभाग की तरफ से इस संबंध में 5 फरवरी 2022 को अधिसूचना जारी की गई है.

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