अफगानिस्तान की पहली और सबसे युवा महिला मेयर का तालिबानी को चैलेंज

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काबुल. अफगानिस्तान (Afganistan) में तालिबान के अधिकार के बाद तेजी से बदलाव हो रहे हैं. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राजनयिक देश छोड़कर भाग गए हैं. अफगानी भी सबकुछ छोड़कर जान बचाने के लिए भागना चाहते हैं, मगर उनके रास्ते बंद हैं. महिलाओं की हालात और बुरी हो गई है. इस बीच वहां की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी (Zarifa Ghafari) ने कट्टरपंथी संगठन को बड़ी चुनौती दी है. जरीफा गद्दाफी ने तालिबान को खुला चैलेंज देते हुए कहा, ‘मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान आए और मुझे व मेरे जैसे अन्य लोगों को मार डालें.’

वारदक प्रांत की मेयर जरीफा ने यह बात आई न्यूज वेबसाइट के साथ बातचीत में कही है. आई न्यूज वेबसाइट ने बताया कि एक सप्ताह पहले जब जरीफा ने उनसे बात की थी तो उन्हें अपने देश का भविष्य बेहतर नजर आ रहा था, लेकिन बदलते हालात में उन्होंने उम्मीद खो दी है. जरीफा ने कहा, ‘मैं अपने अपार्टमेंट के कमरे में बैठी हूं और तालिबान का इंतजार कर रही हूं. यहां मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है. वह मुझे और मेरे जैसे लोगों को मार डालेंगे, लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं. आखिर मैं जाऊं भी तो कहां?’

27 साल की गफारी 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक प्रांत से सबसे युवा और पहली महिला मेयर चुनी गई थीं. तालिबान के फिर से उभार के बीच मिसेज गफारी को रक्षा मंत्रालय में जिम्मेदारी दी गई थी. उनके ऊपर हमलों में घायल हुए सिपाहियों और आम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी थी.गफारी के पिता की भी पिछले साल 15 नवंबर को हत्या कर दी गई थी.

इससे पहले गफारी ने कहा था, ‘युवाओं को पता है कि क्या हो रहा है. उनके पास सोशल मीडिया है और वो आपस में बातचीत करते हैं. मुझे उम्मीद है कि वो लोग प्रगति और अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे.’

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